AI पर हुई 2 ऐसे रिसर्च जो की दुनिया बदल सकते है  

AI पर हुई 2 ऐसे रिसर्च जो की दुनिया बदल सकते है

बढ़ते समय के साथ मनुष्य ने इतने तरक्की कर ली है की एक से एक खोज हो रही है | आज के टेक्नोलॉजी के जमाने में AI ने बहुत आगे तरक्की कर ली है | AI ने हर फील्ड में अपना जलवा बरक़रार रखा है और ऐसे ही कुछ रोचक AI के 2 खोज जो की हमरी जिंदगी में बदलाव ला सकते है | जानते है चलिए

मानव ब्रेन सिग्नल को टेक्स्ट मैं बदलेगा आई आधारित सिस्टम

मानव  हम मानव की सोच का भी पता लगा सकते है जो की हर जगह बहुत उपयोगी होने वाला है यह हर जगह उपयोगी होने वाला है | अब हम मानव के ब्रेन से उसकी सोच को सिग्नल में बदल के टेक्स्ट में बदल सकते है | ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी आफ टेक्नोलॉजी के रिसचर्स ने आई की मदद से खास सिस्टम तैयार किया है इस सिस्टम की मदद से मानव के मस्तिष्क में चलने वाले विचारों को टैक्स में बदला जा सकेगा इस अनोखी सिस्टम का नाम डिवेव है इस सिस्टम की मदद से ऐसे लोग जो किसी बीमारी की वजह से कम्युनिकेशन करने में असमर्थ हैं उनको कम्युनिकेट करने में अमृत मिलेगी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक चिंतन लेने कहते हैं कि इससे मानव को किसी तरह को नुकसान नहीं पहुंचता इसके साथ यह सिस्टम सस्ता और दरअसल सिस्टम को कम करने के लिए दो घटकों की आवश्यकता पड़ती है पहले घातक होता है इलेक्ट्रो सेफालोग्राफी से लेंस कैप और दूसरा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस लार्ज लैंग्वेज मॉडल
यह दोनों घटक साथ में काम कर मानव ब्रेन में चलने वाले सिग्नल्स को शब्दों में डिकोड करने का प्रयास करते हैं| हालांकि अभी तक हुए प्रयोग में इस सिस्टम की एक्यूरेसी करीब 40 % ही रही है| लेकिन रिसचर्स का अनुमान है कि इस 90% तक ले जाया जा सकता है | 2025 तक हम इस AI  की एक्यूरेसी 90 % तक पहुंच सकती है |

रेटिना की इमेज से ही डायग्नोसिस हो सकेगा ऑटिज्म

इंग्लैंड और साउथ कोरिया के रिसचर्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ऑटिज्म को पहचानने में बड़ी सफलता हाथ लगी है| अब आंखों के रेटिना की तस्वीर लेकर आ इ एल्गोरिथम में डालकर 100 फीस दी सटीकता के साथ ऑटिज्म के बारे में पता चला जाएगा सकता है इस तकनीक की मदद से अब बच्चों में ऑटोस में जल्दी पहचान में मदद मिलेगी |

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