लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज कब होगा कम्पलीट 

लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज कब होगा कम्पलीट

लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज 3 साल में बन पाया 60 फीस दिए हिस्सा अब 9 माह में पूर्ण करने का दावा पुल बनने से दर्जनों गांव की करीब 100000 आबादी को मिलेगा फायदा अभी 15 किलोमीटर का लगाना पड़ रहा है चक्कर |

नर्मदा नदी पर लम्हेटा से  लम्हेटी गांव के बीच बना रहे लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज को लेकर निर्माण एजेंसी का दावा है, कि समय सीमा से पहले लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा अभी तक 3 सालों में करीब 60 फ़ीसदी हिस्सा बनकर तैयार हो गया है शेष 40 फीसदी भी हिस्सा सितंबर 2024 तक तैयार होने का दावा किया जा रहा है | स्थानीय लोगों का कहना है, कि नर्मदा के उसे पर रहने वाले दर्जनों गांव के करीब एक लाख आबादी को इस लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज के बनने से फायदा होगा |

जानकारी के अनुसार नर्मदा के उसे पर डडवारा, इमलिया, न्यू भेड़ाघाट, लम्हेटी, त्रिशूलभेद, ग्वारी गांव सहित एक सैकड़ा गांव है| लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज नहीं होने के कारण यहां के लोगों को तिलवारा होकर जबलपुर आना पड़ता है| इससे ग्रामीण को करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है| यदि लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज का निर्माण हो गया तो सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्रामीण शहर आ सकेंगे| अभी ग्रामीण नाव के सहारे शहर आते हैं| बारिश के दिनों में यह रास्ता बंद हो जाता है| लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज निर्माण से न केवल दूरी कम होगी बल्कि व्यापार बढ़ेगा और रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा करने वालों को भी राहत मिलेगी|

ऐसे शुरू हुआ ब्रिज का काम

लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2017 में मिली थी| इसके बाद इसका निर्माण कार्य 2021 में शुरू हुआ, 3 सालों में 1200 मीटर के ब्रिज को 60 फ़ीसदी का काम पूरा हो चुका है| निर्माण एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज निर्माण की समय सीमा 2025 तक है| लेकिन इसके पूर्व सितंबर 2024 तक इसे हम पूर्ण कर लिया जाएगा 90 करोड रुपए की लागत से लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है|

हाल ही में फंस गए थे सैकड़ो श्रद्धालु

कार्तिक पूर्णिमा पर पिछले महा 27 नवंबर को निकल गई नर्मदा पंचकोशी परिक्रमा के दौरान बारिश होने के कारण लम्हेटा घाट पर नाव संचालन शाम को बंद कर दिया गया था| इससे परिक्रमा में चल रहे सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु नागदा के उसे पर फंस गए थे | आनन- फांनन पानी में प्रशासन ने बसों की व्यवस्था की तब लोग वापस अगर आ सके हजारों की संख्या में लोग पंचकोसी परिक्रमा करते हैं | ब्रिज बन जाने से परिक्रमा पद आसान हो जाता है |

फैक्ट फाइल

  1. 2017 में मिली ब्रिज निर्माण की स्वीकृति |
  2. 2021 में ब्रिज का निर्माण प्रारंभ हुआ|
  3. 2025 तक निर्माण की समय सीमा|
  4. 90 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है ब्रिज|
  5. 1200 मीटर लंबा बनेगा केवल स्टे ब्रिज़|
  6. 100 गांव की आबादी को मिलेगा फायदा|
  7. एक लाख लोगों को आवा जाहि में सुविधा होगी |

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