माँ नर्मदा में गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए जबलपुर में 6 एसटीपी प्लांट्स लगाए जायेंगे |

माँ नर्मदा में गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए जबलपुर में 6 एसटीपी प्लांट्स लगाए जायेंगे |

 

 

मां नर्मदा जबलपुर की जीवन दायनी कही जाती है | माँ नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक है | अमरकंटक से 228 किलोमीटर का दुर्गम मार्ग तय करते हुए जबलपुर पहुँचती है | माँ नर्मदा जी का वाहन मगरमच्छ है | माँ नर्मदा जी के जल का उपयोग कर पूरा जबलपुर शहर और आस पास के गांव फल फूल रहे है | अब जीवनदायनी माँ नर्मदा में ऐसे गंदे पानी का विसर्जन अनुचित है | इसलिए 2022 के महापौर चुनाव में जो प्रत्यासी जीते उनका प्रमुख वादा यही था, की सभी नाले-नालिया को माँ नर्मदा में जाने से रोकेंगे | इसलिए अब नर्मदा मां नर्मदा में गंदे नालों का पानी मिलने  से रोकने के लिए 6  एसटीपी ( सेवेज ट्रीटमेंट प्लांट ) का काम सुरु हो गया है और प्रथम प्लांट बनाए जा रहे एसटीपी प्लांट  का काम दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच पूरा कर लिया जाएगा इसके बाद मां नर्मदा में गंदा पानी मिलना बंद हो जाएगा  स्वामी कृष्णानंद महाराज सहित अन्य संतों की उपस्थिति में मंगलवार को प्लांट का निरीक्षण करने के बाद महापौर ने जानकारी दी खारी घाट और लालपुर स्थित प्लांट का निरीक्षण करने के बाद महापौर जगत बहादुर शाह ने बताया , कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत नर्मदा में गंदे नालो  को मिलने से रोकने के लिए एसटीपी लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है 6 प्लांट का काम दिसंबर 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा एक प्लांट की निवेदिता की प्रक्रिया चल रही है जबलपुर में लगाए जाने वाले 6 प्लांट के निम्न स्थान है यहां पर बनाए जा रहे हैं प्लांट नगर निगम ने बताया कि पहले प्लांट लालपुर में 32 करोड़ की लागत से , 34 एमएलडी हरि घट में , 17 करोड़ से 1 एमएलडी गौर पल थाने के पास , 700 क्ल्ड जैन गौशाला तिलवारा के पास 500 क्ल्ड बाबा नल के पास एक एमएलडी,  सिद्धार्थ के ऊपर 100 केएलएमडी के एसपी का निर्माण चल रहा है |भटौली कुंड के पास एसपी निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है |

जल जीवन का अमृत है और इसकी शुद्धता हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जो पानी हम पीते हैं वह दूषित पदार्थों से सुरक्षित है। नीचे दस विशेषज्ञ युक्तियाँ दी गई हैं जो आपके पीने के पानी की शुद्धता को सुरक्षित रखने में आपकी मदद करेंगी। 

एसटीपी –

क्या होता है एसटीपी आईये जानते है – 

ये प्लांट पानी को साफ़ करने के लिए उपयोग किये जाते है और पानी को दुआबारा उपयोग में लाने के लिए पानी को सुध करने कर देते है | ऐसे प्लांट को लगाने से प्लांट से निकले पानी को नदियों में मिलाने से नदियों का पानी में अशुद्धता नहीं फैलती | एसटीपी यानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए दूषित पानी में से रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म किया जाता है, और हानिकारक जीवाणुओं को मार दिया जाता है |  सीवेज के पानी में कचरा अन्य तरह की गंदगी दोनों होती है, जिसमें घरों से, ऑफिसों और इंडस्ट्रीज से निकला वेस्ट होता है इसलिए इसकी सफाई बहुत जरूरी होती है। एसटीपी प्लांट इसी दूषित पानी की सफाई करता है|

2022 के महापौर चुनाव में महापौर द्वारा किया गया वादा पूरा होता हुआ समझ आ रहा है | जबलपुर में 6 जगह सेवेज ट्रीटमेंट  प्लांट लगाए जा रहे जिसमे पहले चरण में लगाया पूर्ण होने को है |

जल की सुधता की माप –

जल की शुद्धता इलेक्ट्रो लाइसेंस या टीडीएस तकनीक के माध्यम से मापी जाती है और पानी की शुद्धता का एक सामान्य रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला उपाय कुल घुलित ठोस (टीडीएस) है, जो पानी की दी गई मात्रा में घुले सभी अकार्बनिक और कार्बनिक पदार्थों के वजन का एक उपाय है। h2s की बोतलें मुफ्त में प्रदान की जाएंगी जिसके माध्यम से आप अपने क्षेत्र में जल की शुद्धता को माफ सकते हैं |

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