सर्दी में बचे इन बीमारियों से हृदय रोग, अस्थमा, डायबिटीज़, अर्थरिटीज़, मानसिक रोग1 

सर्दी में बचे इन बीमारियों से हृदय रोग, अस्थमा, डायबिटीज़, अर्थरिटीज़, मानसिक रोग

अलग-अलग रोगो और शारीरिक समस्या पर ऐसे असर डालती है सर्दी 🥶

1.हृदय रोग

हृदय रोग बीपी व कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है या मौसम |

कम तापमान से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं जिससे रक्त का इन वाहिकाओं से गुजरने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है | इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है| वहीं सर्दियों में नहीं तले हुए और गरिस्ट भोजन की मात्रा बढ़ती है| जिससे बेड कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ सकता है इससे हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है |

उपाय – रोज 20 मिनिट वॉक व प्राणायाम करें

रोज 20 से 30 मिनिट वॉक करें यार रक्त संचार को बढ़ती और रक्त वाहिकाओं में आई शक्ति घटती है इससे हार्ट अटैक का खतरा घटना और प्राणायाम ध्यान से भी फायदा होता है |

2.अस्थमा

अस्थमा वायु मार्ग प्रभावित करता है |

तेज ठंडी गांड छाती में वायु मार्ग शक्ति हो जाता है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है अस्थमा पीठ दर्द भी हवा के लिए मुंह से सांस लेना शुरू कर देते हैं परिणाम स्वरुप स्वस्थ हवा सांस के माध्यम से फेफड़े प्रवेश करने लगती है जिससे वायु मार्ग में इन्फ्लेमेशन होने लगता है

उपाय – डायाफ्राम ब्रीदिंग फायदेमंद है

घुटनो को मोड़कर पीठ के बल लेट जाएं नाक से धीरे-धीरे सांस ले हवा को पेट में गहराई तक अंदर जाने दे पेट फूलना चाहिए | अब होठों को सिकुड़ कर सांस छोड़ और पेट को अंदर की ओर जाने दे इसी दौरान दवाई जरूर समय पर ले |

3.डायबिटीज

स्ट्रेस से शुगर बढ़ता है डायबिटीज |

टेस्ट और शरीर में स्ट्रेस पैदा करती है जिससे निपटने के लिए सही हार्मोन का कार्ड उसे रिलीज करता है या इंसुलिन के उत्पादन को काम करता है दरअसल इंश्योरेंस कोशिकाओं को ग्लूकोस ब्लड प्रेशर करने में मदद करती है इंसुलिन की कमी के कारण शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है इसके अलावा यह स्ट्रेस लीवर को अधिक ग्लूकोस बनाने के लिए भी बढ़ावा देता है |

उपाय – क्या करें धनुरासन में इंसुलिन बेहतर होती है

चटाई बिछाकर लेट जाय|  घुटनों को मोड़कर एड़िया कूल्हों पर टिकाएं अब हाथों से पैर की पंजों को पकड़ने का प्रयास करें जितना हो सके सांस लेते हुए छाती जांघों को उठाएं क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रुके |

4.अर्थराइटिस

अर्थराइटिसब्लड फ्लो धीमा होता है |

ठंडा मौसम कटिया के दर्द को बढ़ा सकता है तेज ठंड से ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है दर्द के प्रति शेयर की संवेदन बढ़ जाती है अक्सर जैसे-जैसे तापमान गिरता है वायुमंडल में हवा के दबाव बैरोमीटर का दबाव की मात्रा भी बदल जाती है इसमें से कुछ लोगों को जोड़ों में दर्द बढ़ता है |

उपाय – क्या करें पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ पिए

डिहाइड्रेशन दर्द के प्रति अधिक समिति सेल बनता है वहीं जब पर्याप्त पानी पीते हैं तो टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद मिलती है इसके अलावा यह जोड़ों में घर्षण को काम करता है |

5.मानसिक रोग

 

मानसिक रोग धूप की कमी का असर

जैसे ही सूरज की रोशनी हमारे शरीर में पढ़ती है उसके कुछ मिनट के अंदर मस्तिष्क से रेटिना हार्मोन रिलीज करता है या हार्मोन भावनाओं को नियंत्रित करने में बेहद मददगार है इसलिए जब सर्दियों में धूप कम हो जाती है तो उसका स्राव काम होता है हमें अधिक एंजायटी अवसाद और ऊर्जा की कमी महसूस होती है |

उपाय – भरपूर नींद ले, सोशल रहे

7 से 8 घंटे की नींद तनाव घटती है शरीर की ऊर्जा प्रदान करती है जिससे मानसिक सेहत सुधारने में मदद मिलती है इसके अलावा सोशल रहने से भी मानसिक संतुलन बेहतर रहता है |

मौसम सेहत का मौसम कहीं जाने वाली सर्दी बीमारी भी कर सकती है ऐसे जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकती है सर्दी फ्लोरन संगठन से जुड़ी समस्याओं को अलावा हार्ट अटैक स्ट्रोक डायबिटीज स्वच्छ और बालों से जुड़ी इन दोनों बढ़ जाती है तेजी से कम होता तापमान शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकता है जिनमें कुछ कारण तो ऐसे भी है जिनके बारे में अंदाजा लगाना भी कठिन ऐसी सर्दियों में लोग अधिकांश में घर में बताते हैं इससे सारी गतिविधि जैसे में हो जाती है इसके अलावा प्याज भी घटती है जिससे लोग पानी के बिना काम कर देते हैं लेकिन यूरिन शरीर विभिन्न माध्यम से शरीर तरल को बाहर निकलता रहता है जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है शरीर में पानी की यह कमी दर्द बुक में कमी बीपी सहित कई समस्याओं का कारण बन सकती है चलिए लिए जानते हैं कि किन समस्याओं को कैसे होती है और कैसे हम उसका नारायण कारण कर सकते हैं |

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